भारत का राष्ट्रीय पर्व : गणतंत्र दिवस 2025

हर साल  गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को मनाया जाता है 26 जनवरी 1950 को देश लोकतंत्र बना था और संविधान लागू किया गया था इस साल भारत 76वां गणतंत्र दिवस मनाएगा इसके बाद से हर वर्ष इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है तथा इस दिन देशभर में राष्ट्रीय अवकाश रहता है।

इस साल हम 76वां गणतंत्र दिवस मनाएंगे 76वें भारतीय गणतंत्र दिवस के भव्य समारोह के लिए पूरा देश तैयार है आइए जानते हैं कि इस बार गणतंत्र दिवस पर क्या खास रहने वाला है और इसकी थीम क्या है।  

गणतंत्र दिवस का महत्व

गणतंत्र दिवस का महत्व बहुआयामी है सबसे पहले यह संवैधानिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता को उजागर करता है यह न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के लोकतांत्रिक आदर्शों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है यह भारत की सांस्कृतिक विरासत का उत्सव भी है समारोह के दौरान प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम और झांकियां भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करती हैं।

जानें गणतंत्र दिवस का इतिहास

भारत को 15 अगस्त, 1947 को स्वतंत्रता मिल गई थी इस दौरान देश का अपना कोई संविधान नहीं था संविधान का मसौदा डॉ. बीआर अंबेडकर के नेतृत्व वाली संविधान सभा द्वारा तैयार किया गया था समिति ने 4 नवंबर, 1948 को संविधान सभा में संविधान का अंतिम मसौदा पेश किया था इसके कुछ महीने बाद 26 जनवरी 1950 को संविधान को आत्मसात किया गया था, जिसके अनुसार भारत देश एक लोकतांत्रिक, संप्रभु तथा गणतंत्र देश घोषित किया गया था।

26 जनवरी 1950 को देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने 21 तोपों की सलामी के साथ ध्वजारोहण कर भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया था यह देश के सबसे यह ऐतिहासिक पलों में से एक है।

गणतंत्र दिवस 2025 के मुख्य अतिथि

इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो 2025 के गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि होंगे, जो भारत और इंडोनेशिया के बीच राजनयिक संबंधों की 76वीं वर्षगांठ में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा वो समारोह में हिस्सा लेने के लिए भारत पहुंच भी गए हैं।  

गणतंत्र दिवस 2025 की थीम

गणतंत्र दिवस 2025 की थीम ‘स्वर्णिम भारत-विरासत और विकास’ है, जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और इसकी प्रगति की निरंतर यात्रा को दर्शाता है।

परेड का समय और कार्यक्रम

प्रारंभ समय: परेड भारतीय समयानुसार प्रातः 10:30 बजे प्रारंभ होगी।

समारोह: दिन की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करने से होगी, उसके बाद भारत के राष्ट्रपति कर्त्तव्य पथ पर औपचारिक मार्च पास्ट का निरीक्षण करने पहुंचेंगे।

मार्ग

परेड एक ऐतिहासिक मार्ग से गुजरेगी:

प्रारंभिक बिंदु: राष्ट्रपति भवन

पथ: कर्तव्य पथ के साथ, इंडिया गेट से गुजरते हुए

समापन बिंदु: लाल किला।

पहली बार कहां मनाया गया था गणतंत्र दिवस

पहला गणतंत्र दिवस समारोह दिल्ली के इरविन स्टेडियम (वर्तमान में राष्ट्रीय स्टेडियम) में आयोजित हुआ था। यह उस समय का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उत्सव था, जिसमें भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भारतीय ध्वज फहराया और परेड का नेतृत्व किया।

कैसे मनाया गया था पहला गणतंत्र दिवस

26  जनवरी 1950  को सुबह 10:18 बजे भारत का संविधान लागू  किया गया। यह दिन 1930  में पूर्ण स्वराज दिवस के संकल्प के कारण चुना गया था। डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में 26  जनवरी 1950  को शपथ ली। उन्होंने गवर्नमेंट हाउस  जो कि अब राष्ट्रपति भवन है, में  तिरंगा झंडा फहराया।