आज दुनियाभर में 10वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। हर साल 21 जून के दिन अंतररष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। योग दिवस को मनाने का मकसद लोगों को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ्य और तनदुरुस्त रखने के प्रति जागरूक करना है।
आज भारत समेत दुनियाभर के कई देशों से लोग योग करते हुए अपनी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं। वहीं लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी जम्मू-कश्मीर श्रीनगर में योग दिवस मनाया। इस बार योग दिवस की थीम है, “योग स्वयं और समाज के लिए” मतलब योग खुद की और समाज की भलाई के लिए है।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का कार्यक्रम श्रीनगर में आयोजित किया गया डल झील के किनारे शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर में पीएम नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले थे। हालांकि मौसम की वजह से कार्यक्रम को शॉर्ट करना पड़ा। 2014 के बाद से ही लागातार पीएम नरेंद्र मोदी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को लीड करते आए हैं। उन्होंने दिल्ली के कर्तव्य पथ पर योग किया था। इसके बाद चंडीगढ़, देहरादून, रांची, लखनऊ, मैसूर और यूएन हेडक्वार्टर में में भी उन्होंने योग किया।
श्रीनगर में योग करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों से मिलने उनके बीच पहुंच गए। बड़ी संख्या में मौजूद कश्मीरियों से पीएम मोदी ने बात की। बारिश के चलते योग दिवस का कार्यक्रम खुले में डल लेक के किनारे नहीं हो पाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूरे जम्मू-कश्मीर में योग के प्रति जो आकर्षण बना है, जिस उमंग और उत्साह के साथ लोग योग के साथ जुड़ने के लिए आतुर हैं, वह जम्मू कश्मीर के पर्यटन को भी एक नई ताकत देने का अवसर बन गया है।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर मुझे योग और साधना की भूमि कश्मीर में आने का सौभाग्य मिला है। योग से हमें जो शक्ति मिलती है श्रीनगर में हम उसे महसूस कर रहे हैं। मैं देश के सभी लोगों को और दुनिया के कोने-कोने में योग कर रहे लोगों को कश्मीर की धरती से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की बधाई देता हूं।’’
योग के महत्व से लोगों को जागरूक करने और शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के प्रति सचेत करने के लिए हर साल 21 जून के दिन अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। योगा करने से शरीर स्वस्थ रहता है और हमारा दिमाग भी बेहतर स्तिथि में रहता है और इमोशनल व आध्यातमिक तौर पर भी मन-मस्तिष्ट को इसके फायदे मिलते हैं। पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून, 2015 में मनाया गया था।
योग दिवस मनाने का प्रस्ताव सबसे पहले प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली में 27 सितंबर, 2014 में रखा था। मोदी जी ने वैश्विक तौर पर शांति व स्वास्थ्य के लिए योगा के महत्व पर बात की थी। उन्होंने यह भी कहा कि योगा सिर्फ शारीरिक एक्सरसाइज ही नहीं है बल्कि खुद को समझने, विश्व और पर्यावरण से जुड़ने के लिए भी आवश्यक है।
इस प्रस्ताव पर विचार के बाद 11 दिसंबर, 2014 के दिन यूनाइटेड नेशंस ने आधिकारिक तौर पर 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित कर दिया। इस पर 177 सदस्य देशों ने अपनी मंजूरी दी थी।
योग दिवस पर अलग-अलग संस्थानों में योगा का कार्यक्रम होता है और योग किया जाता है। योग के फायदों की बात करें तो इससे तनाव, शरीर के दर्द और एंजाइटी जैसी दिक्कतों से भी राहत मिल जाती है। योगा करने पर मेंटल क्लैरिटी मिलती है, इसमें कई ब्रीदिंग एक्सरसाइज करवाई जाती है, मेडिटेशन होती है और व्यक्ति को खुद को बेहतर तरह से समझने में मदद मिलती है। मन को शांत करने के लिए भी योगा किया जाता है।